Thursday, September 19, 2024
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Online gaming की लत के कारण 10वीं का छात्र अपने ही घर में बना चोर

Online gaming की लत की वजह से एक 10वीं का छात्र अपने ही घर चोरी की और उसके ही दोस्तों ने उससे जबरन वसूली करनी शुरु कर दी। बेंगलुरु में पुलिस ने निजी स्कूल के 10वीं कक्षा के छात्र से जबरन वसूली के मामले में चार व्यक्तियों और दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने छात्र की मांग पूरी नहीं करने पर उसके माता-पिता को उसकी ऑनलाइन गेमिंग की लत बताने की धमकी दी। जिसके दबाव में आकर छात्र ने अपने घर से ₹41 लाख के आभूषण और नकदी चोरी कर धमकी देने वालों को सौंप दिए।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जबरन वसूली पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी, जब पीड़ित के स्कूल के दोस्तों को उसकी PUBG और ड्रीम -11 जैसे ऑनलाइन गेम की लत के बारे में पता चला। उन्होंने छात्र के माता-पिता को उसकी गेमिंग की आदत और उसकी वजह से उसको पैसे के नुकसान के बारे में बताने की धमकी दी और इसके दबाने के बदले उससे पैसे की मांग की। राजराजेश्वरी नगर पुलिस के इंस्पेक्टर मार्कंडेय एसटी ने कहा कि 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले पीड़ित को उसके घर से सोने के आभूषण चोरी करने और नाबालिगों को सौंपने के लिए मजबूर किया गया था।

माता पिता को उसकी गेमिंग लत का पता ना चले, इसको लेकर पीड़ित ने घर से सोने के आभूषण चोरी करना शुरू कर दिया और इसे नाबालिग आरोपी को सौंप दिया। एक नाबालिग आरोपी कोप्पल का मूल निवासी है, जबकि दूसरा केंगेरी का रहने वाला है। इसके बाद नाबालिगों ने आभूषण अपने परिचित लोगों को सौंप दिए, जिन्होंने इन आभूषणों को बेचकर नकदी ली। उन्होंने नाबालिग आरोपी को इसमें से हिस्सा भी दिया।

जबरन वसूली का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता की मां ने देखा कि उनके घर से आभूषण गायब हैं। इसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जांच में पुलिस को पता चला कि चोरी घर के बच्चे ने की है, उससे पूछताछ करने पर यह पूरा मामला सामने आया। जिसके बाद गिरफ्तारी हुई। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 384 (धमकी देकर जबरन वसूली), 504 (जानबूझकर अपमान), और 506 (जान से मारने की धमकी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया है।

यह घटना युवा व्यक्तियों के बीच ऑनलाइन गेमिंग की लत के खतरों और असुरक्षित गेमिंग आदतों से जुड़े संभावित खतरों पर प्रकाश डालती है। कमिश्नर बी दयानंद ने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करने और उन्हें गेमिंग की लत के खतरों के बारे में शिक्षित करने में माता-पिता की सतर्कता के महत्व पर जोर दिया।

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