Gaming Industry: विदेशी गेंबलिंग कंपनियों की वजह से देश का करोड़ो रुपये का टैक्स रेवेन्यू घाटे में जा रहा है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने gaming.in को बताया कि एक तरफ जहां भारत में रजिस्टर्ड और कानून का पालन करने वाली गेमिंग कंपनियां हैं, तो दूसरी ओर विदेशों से ऑपरेट होने वाली गेंबलिंग कंपनियां हैं, जोकि गैरकानूनी तो हैं ही साथ ही वो करोड़ो रुपये का टैक्स चोरी भी कर रही हैं।
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लिहाजा इन कंपनियों पर तुरंत बैन लगाने और बड़ा एक्शन लेने की जरुरत है। रोलैंड के मुताबिक इन कंपनियां में सट्टा लगा रहे लोग किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं है।
दरअसल पूरे देश में ऑनलाइन तरीके से सट्टा खिलाने वाली कंपनियां बड़ी संख्या में ऑपरेट कर रही है, जोकि सालाना करोड़ों रुपये का टैक्स चोरी करने के साथ साथ पूरी तरीके से अवैध सट्टे में लिप्त है। बड़ी बात ये है कि दुबई, माल्टा और अन्य टैक्स हैवन से ऑपरेट होने वाली ये कंपनियां टीवी, रेडियो और अखबारों में विज्ञापन तक दे रही थी, जिनपर बाद में सरकार ने रोक लगाई है।
देसी कंपनियों को हो रहा है नुकसान
देश में फिलहाल गेमिंग कारोबार सालान 2 बिलियन डॉलर है, जोकि अगले तीन सालों में 5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। लेकिन अवैध ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाली कंपनियां गेमिंग इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा रही है। देसी कंपनियां सरकार को ख़ासा टैक्स रेवेन्यू दे रही है और साथ साथ देश में गेमिंग डेवपलमेंट के काम में भी लगी हुई हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार मिल रहा है।