देशभर में अवैध सट्टेबाजी को लेकर सरकार की कार्यवाही जारी है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बैंक खातों पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के अनुसार की गई है। ईडी के खुलासे के अनुसार फ्रीज किए गए खाते बेंगलुरु, कर्नाटक के थे और उनमें 5.87 करोड़ रुपये की शेष राशि थी।
डीजीजीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज इंटेलिजेंस) ने अवैध सट्टेबाजी और ऑनलाइन जुए से संबंधित गतिविधियों में कई कंपनियों की कथित तौर पर संलिप्तता देखी। डीडीजीआई ने इसके बाद विवेक नगर पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी और उसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। अवैध दांव लगाने का तरीका कुछ बहुत असामान्य नहीं था। सबसे पहले ऑपरेटरों ने नकली सिम कार्ड खरीदे और फिर सट्टा लगाने के लिए नाम के तहत बैंक खाते खोले।
भगोड़े घोषित हो चुकी हैं कंपनियां
रॉकस्टार इंटरएक्टिव, इंडी वर्ल्ड स्टूडियो, फाल्कन एंटरटेनमेंट एजेंसीज, द नेक्स्ट लेवल टेक्नोलॉजी, रिफ्ट गेमर टेक्नोलॉजीज, रियलिटी कोड टेक्नोलॉजी, टेन्स सॉल्यूशंस, इलेक्ट्रॉनिक वर्चुअल सॉल्यूशंस, ज़ाज़ागो सिस्टम्स, ज़िंगा इंटरएक्टिव, व्हेल बाइट्स टेक्नोलॉजी, आयोबिटकोड इंटरएक्टिव एजेंसी, ओकुलस वाल्व एंटरटेनमेंट और नेस्ट्रा वेब सॉल्यूशंस उन सभी भगोड़े कंपनियों के नाम हैं जिनका उपयोग ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए किया गया था।
अवैध सट्टेबाजी करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सामान्य तरीके
इस बीच, Bestartech, khelo24bet और Betinexchange उन साइटों के नाम हैं जिनका उपयोग अवैध सट्टेबाजी के लिए किया गया था। यह विधि बहुत आम है, क्योंकि महादेव बुक जैसी साइटों ने भी देश भर में बड़े पैमाने पर अवैध सट्टेबाजी संचालन को अंजाम देने के लिए इस पद्धति का उपयोग किया है। संयोग से, ईडी महादेव बुक सट्टेबाजी ऐप के अवैध संचालन की भी सक्रिय रूप से जांच कर रहा है। सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और उनके ऑपरेटर अब ईडी के रडार पर हैं। ईडी ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के करीबी सहयोगियों के आवासों पर छापे मारे थे।
ईडी ने छत्तीसगढ़ में तेज की जांच
ईडी और छत्तीसगढ़ की राज्य पुलिस ने महादेव बुक के गुर्गों के खिलाफ अपनी जांच तेज कर दी है। हालांकि ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में इस मामले में बड़ी सफलताएं मिलेंगी।