Lottery King Santiago Martin और उसके परिवार के खिलाफ एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के मामले जारी रहेंगे। मद्रास हाई कोर्ट के फैसले ने इसके दरवाजे खोल दिए हैं। मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में चेन्नई के मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। जिसमें सेंट्रल क्राईम ब्रांच की सैंटियागो मार्टिन और उसके सहयोगियों के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट के आधार पर केस बंद कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस को 7.2 करोड़ से ज्यादा अनकाउंटेड कैश मार्टिन के ठिकाने से मिली थी।
मद्रास हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में जस्टिस सुब्रमण्यम और जस्टिस सी शिवगमन ने ईडी को निर्देश दिया है कि यह मामला इसके लॉजिकल एंड तक जाना चाहिए। कोर्ट ने यह फैसला ईडी की जुडिशल मजिस्ट्रेट के केस क्लोजर के खिलाफ अपील पर दिया था। दरअसल राज्य पुलिस की सेंट्रल क्राईम ब्रांच ने सेंटियागो मार्टिन के दो प्रमुख नागार्जुन और मूर्ति की ठिकानों से करोड़ों रुपए का अवैध कैश बरामद किया था। यह दोनों लॉटरी किंग मार्टिन से जुड़े हुए थे, हालांकि उन्होंने कहा था कि यह कैश मार्टिन की वाइफ लीमा रोज की कुछ प्रॉपर्टीज के बेचने के बाद आया है, लेकिन जांच में पाया गया की सेल का एग्रीमेंट 2 मार्च 2012 का है, लेकिन एग्रीमेंट स्टैंप पेपर 9 मार्च प्रिंट हुआ और 12 मार्च को बेचा गया। राज्य की क्राइम ब्रांच ने इसके आधार पर चीटिंग, वैध दस्तावेज दस्तावेजों से छेड़छाड़ और क्रिमिनल कंस्पायरेसी का मामला दर्ज किया था। 2022 में जुडिशल मजिस्ट्रेट ने क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर यह केस क्लोज कर दिया। हालांकि ईडी ने किसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी जिसको हाई कोर्ट ने मंजूर कर लिया था। अपने फैसले में बेंच ने कहा कि यह साफ तौर पर गलत तरीकों से अवैध लॉटरी बेचने से कमाया हुआ पैसा है और अभियुक्त ने अपने को बचाने के लिए सिस्टम के लूपहोल का इस्तेमाल कर रहा है। जानकारी के लिए बता दे कि ईडी पीएमएलए के मामलों की जांच तभी कर सकती है, जबकि राज्य पुलिस ने ऐसे मामलों में केस दर्ज किया हुआ हो।