Saturday, February 22, 2025
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Fantasy games पर लग रहे हैं फिक्सिंग के आरोप, क्या सरकार लोगों के पैसे को बचाने के लिए बनाएगी रेगुलटर?

भारत में गेमिंग को लेकर किसी तरह का नियम कायदे नहीं है, ऐसे में गेमिंग कंपनियों पर अक्सर फिक्सिंग और लोगों के पैसे हड़पने के आरोप लगातार लगते रहे हैं। फैंटेसी गेम्स खिलाने वाली कंपनियों पर इस तरह के आरोप बहुत ज्य़ादा लग रहे हैं। ऐसे में सरकार से कोई नियामक बनाकर इन कंपनियों और गेम्स को रेगुलेट करने की उम्मीद की जा रही है।

फैंटेसी गेम्स को लेकर बार बार फिक्सिंग (Fantasy games fixing) के आरोप सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे हैं। इन गेम्स में फिक्सिंग और बॉट्स के इस्तेमाल के आरोप बहुत सारे यूजर लगातार लगा रहे हैं, दूसरी ओर इन गेम्स को रेगुलेट करने या इनपर नज़र रखने के लिए कोई भी नियामक नहीं है। ऐसे में कंपनियां इन गेम्स को खेलने वालों के साथ क्या कर रही है, इसको लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं।

सोशल मीडिया पर जॉन सिल्वा नाम के यूजर ने आरोप लगाया है कि #choice11 के साथ साथ #Fantasyakhada ने भी फिक्सिंग के लिए बॉट्स (fantasy fixing bots) का इस्तेमाल शुरु कर दिया है।

इससे पहले #Dream11 पर भी इस तरह के आरोप लगते रहे थे।

स्नेहा कुमार रेड्डी नाम के अन्य यूजर ने MyTeam_11 पर आरोप लगाया है कि वो लगातार फिक्सिंग कर आम लोगों को लूट रही है। दरअसल इन गेम्स में खेलने वाले को इंट्री फीस के तौर पर 10 या 20 रुपये देने होते हैं। जबकि पूल प्राइज लाखों और करोड़ों में होता है।

ऐसे में 10 या 20 रुपये लगाकर लाखों करोड़ों रुपये जीतने का सपना लेकर लाखों लोग फैंटेसी गेम्स खेल रहे हैं।

इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक, आम तौर पर फैटेंसी गेम्स पर आरोप लगते रहते हैं कि 50 से 60 परसेंट ही असली खिलाड़ी होते हैं, बाकि अंतिम समय में आने वाले ज्य़ादा खेलने वाले Bots होते हैं। इस बात को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। लेकिन इन कंपनियों पर किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं है। फैंटेसी और दूसरी गेम्स पर कोई रेगुलेटर नहीं है। इंडस्ट्री खुद ही रेगुलेटर (एसआरबी) बनना चाहती है, जिसका निष्पक्ष होना बहुत ही मुश्किल है। ऐसे में लोगों का पैसा सुरक्षित रहे इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। जिस तरह से सेबी, आईआरडीए, टीआरएआई और आरबीआई हैं, उसी तरह का कोई रेगुलटेर फैंटेसी गेम्स को रेगुलेट करने के लिए चाहिए।

About Author

deepakupadhyaya
deepakupadhyayahttp://gamingindia.in
Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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