ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। अब जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) संभावित जीएसटी चोरी के लिए 100 और ऑनलाइन गेमिंग फर्मों की जांच करने का प्लान कर रहा है। बताया जा रहा है औरइसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। वहीं गेम्सक्राफ्ट मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद डीजीजीआई ने ये तैयारी की है।
गौरतलब है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग के महासंघ के साथ घरेलू स्तर पर 100 से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं। डीजीजीआई का कहना है कि इन कंपनियों की गतिविधियों की जांच शुरू की जाएगी और ये पता लगाया जाएगा कि कहीं जीएसटी की कोई चोरी तो नहीं हुई है। एक अफसर का कहना है कि उन कंपनियों की जांच की जाएगी जो असली पैसे की गेमिंग का ऑफर देती हैं।
इस बीच, डीजीजीआई ने हाल ही में सूचीबद्ध गेमिंग और कंपनी डेल्टा कॉर्प को 16,822 करोड़ रुपये का एक और जीएसटी नोटिस दिया था जबकि इससे पहले 11,139 करोड़ रुपये का नोटिस दिया गया था। डीजीजीआई 30 से अधिक कंपनियों को इसी तरह के जीएसटी चोरी के नोटिस भेजने की योजना बना रहा था। लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के कारण वे ऐसा नहीं कर सके थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों से 33,000 करोड़ रुपये की राशि को राजस्व विभाग वसूलना चाहता है।
कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद एक्शन हुआ शुरू
असल में गेम्सक्राफ्ट मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले ने राजस्व विभाग को एक विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करने का ऑप्शन दिया और इस मामले में 10 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। गेम्सक्राफ्ट को सितंबर 2022 में 21,000 करोड़ रुपये का जीएसटी चोरी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। रियल मनी गेमिंग कंपनियां लगातार चुनौतियों का सामना कर रही हैं। जाहिर है कि अक्टूबर से लागू होने वाला 28 फीसदी जीएसटी दर प्रभावी रूप से इन कंपनियों का राजस्व को कम करेगी।