नई टीडीएस व्यवस्था लागू होने के बाद सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो कारोबार से टीडीएस के रूप में करीब 700 करोड़ रुपये जुटाए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा कि केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के रूप में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से 600 करोड़ रुपये और क्रिप्टोकरेंसी से 105 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। वहीं माना जा रहा है कि अक्टूबर से गेमिंग में 28 फीसदी के जीएसटी के बाद सरकार का खजाना और ज्यादा भरेगा।
मीडिया से बात करते हुए नितिन गुप्ता ने कहा कि हमने पहले छह महीनों में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से 600 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि पहले एक नियम था, लेकिन यह विविध व्याख्याओं के अधीन था और अब जब नियमों को सरल बना दिया गया है, तो इससे खिलाड़ियों और कंपनियों दोनों के लिए बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होगा।
सरकार ने एक अप्रैल को बदला था नियम
आपको बता दें कि 1 अप्रैल से ऑनलाइन गेम कंपनियों को ऑनलाइन गेम में 100 रुपये से ज्यादा की जीत पर टीडीएस काटना अनिवार्य कर दिया गया था।यह प्रावधान तब पेश किया गया था जब आयकर विभाग को पता चला कि बड़ी संख्या में कंपनियां ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से जीतने पर कोई कर नहीं दे रही हैं। केंद्र ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की नई पेश की गई धारा 194बीए के तहत जीतने वाली राशि का 30 फीसदी टीडीएस काटना अनिवार्य कर दिया है।
गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2022-23) तक, ऑनलाइन गेम से जीतने पर टीडीएस लागू था, अगर एक वित्तीय वर्ष में जीतने वाली राशि 10,000 रुपये से अधिक थी। वित्त अधिनियम 2023 ने 1 अप्रैल, 2023 से आयकर अधिनियम, 1961 में एक नई धारा 194बीए शामिल की। इसके तहत ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को किसी व्यक्ति द्वारा जीती गई राशि पर टीडीएस काटना जरूरी होता है। कर कटौती की आवश्यकता तब होती है जब व्यक्ति पैसा निकालता है या वित्तीय वर्ष के अंत में। इसी तरह 1 अप्रैल 2022 से वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लागू है।
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