Tuesday, September 17, 2024
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Gaming update: Gaming पर GST में बढ़ोतरी से भरा सरकारी ख़जाना

Gaming update: रियल मनी गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी के बाद गेमिंग से सरकार के रेवेन्यू में 412 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी परिषद की बैठक के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि फिटमेंट समिति को सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग पर बढ़े हुए जीएसटी से केंद्र को राजस्व में 412 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

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सीतारमण ने कहा, “ऑनलाइन गेमिंग से राजस्व में 412 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह छह महीनों में ₹6,909 करोड़ तक पहुंच गया है।” उन्होंने कहा कि कैसीनो के राजस्व में “30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।” जुलाई 2023 में 50वीं जीएसटी बैठक में स्किल और चांस बेस्ड ऑनलाइन गेम को 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में रखा गया था। यह 1 अक्टूबर, 2023 से लागू हुआ। इससे पहले, स्किल-आधारित खेलों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता था। यह विभिन्न गेमिंग टूर्नामेंटों से जीत पर टैक्स के अतिरिक्त है।

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इंकम टैक्स कानून के अनुसार, इन जीत को ऑनलाइन गेम से जीत के रूप में माना जाता है और ‘अन्य स्रोतों से आय’ शीर्षक के तहत 30 प्रतिशत कर लगाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश की गेमिंग संभावनाओं को देखते हुए अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था, “मैं गेमिंग के क्षेत्र में एक बड़ा बाजार देख रहा हूं,। दूसरी ओर जीएसटी में बढ़ोतरी के बाद रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री संघर्ष कर रही है। EY के एक अध्ययन के अनुसार, ऑनलाइन गेम को 28 परसेंट जीएसटी में रखने से उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ा है। USISPF के एक सर्वे में पाया गया कि कंपनियों को फंडिंग जुटाने, अच्छा मार्जिन बनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और जीएसटी दरों में बढ़ोतरी के बाद से उनका राजस्व रुक गया है। जीएसटी में इस बदलाव के परिणामस्वरूप ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र का संचालन करने वाली कंपनियों पर टैक्स का बोझ बढ़ गया, जिनमें से अधिकांश को अपने ऑपरेशन को बनाए रखने के लिए टैक्स में वृद्धि के साथ काम करना पड़ा। इस सर्वे के मुताबिक कुल रियल मनी गेमिंग कंपनियों में से केवल 42 प्रतिशत के रेवेन्यू में जीएसटी में बदलाव के बाद बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी 1-25 प्रतिशत तक थी, जबकि 58 प्रतिशत कंपनियों को रेवेन्यू में गिरावट या ठहराव का सामना करना पड़ा। इसमें दो कंपनियाँ शामिल हैं जिनके रेवेन्यू में 50 प्रतिशत की भारी कमी आई है। इस सर्वे से पता चला है कि जीएसटी बढ़ोतरी से ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है।

कंपनियों के जीएसटी में बढ़ोतरी को खुद उठाने के बाद मार्जिन में कमी आई, साथ ही कंपनियों में छंटनी भी बड़े स्तर पर हुई है। साथ ही भर्ती पर भी रोक लग गई है। कुछ गेमिंग कंपनियों ने अपना कारोबार बंद भी कर दिया है।

दरअसल गेमिंग कंपनियां चाहती हैं कि जीएसटी को कंपनियों की फीस या फिर ग्रास गेमिंग रेवेन्यू पर लगाया जाए। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग 2017 से रिटर्न दाखिल कर रहा है, लेकिन उन्होंने 18 अगस्त, 2017 से अक्टूबर 2023 तक 18 प्रतिशत का भुगतान किया। लेकिन बाद में जीएसटी विभाग ने इसको टैक्स चोरी मानकर, अगस्त 2017 से 1 अक्टूबर 2023 के बीच खेले जाने वाले सभी खेलों में पहले के 18 प्रतिशत के बजाय 28 प्रतिशत जीएसटी देने का नोटिस कंपनियों को भेज दिया। जीएसटी विभाग के मुताबिक, 71 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कुल 1.12 लाख करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला है, जिसमें से कुछ नोटिस को कंपनियों के सालाना कारोबार से भी ज्य़ादा हैं। भारत में वर्तमान में 442 मिलियन गेमर्स हैं, जो चीन के बाद दुनिया में दूसरे सबसे बड़े हैं। इस उद्योग का मूल्य 3.1 बिलियन डॉलर है और अगले पांच वर्षों में इसके 8.92 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है।

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Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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