Saturday, February 22, 2025
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महादेव एप के पैनल वाले Paytm के फर्जी खातों का करते थे इस्तेमाल?

पेटम बैंक के 8 लाख फर्जी खातों में से बहुत से खाते महादेव एप से जुड़े हुए लोग इस्तेमाल कर रहे थे, ऐसे में ईडी की इंट्री इस मामले में हो सकती है, हालांकि इसके लिए पहले आरबीआई की मंजूरी लेनी होगी।

ऑनलाइन पेमेंट बैंक पेटीएम (Online payment Bank Paytm) 8 लाख फर्जी अकाउंट्स पाए जाने पर इसका महादेव एप (Mahadev App) से जुड़े होने का अंदेशा जताया जा रहा है। अवैध सट्टेबाजी लेनदेन (illegal betting transactions) में शामिल होने के संदेह के बीच वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) पेटीएम के भारतीय भुगतान गेटवे की जांच कर सकती है। आरोप हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े लगभग आठ लाख फर्जी यूपीआई खाते पेटीएम और अन्य भुगतान गेटवे से जुड़े थे, जिससे सट्टेबाजी लेनदेन के माध्यम से कई सौ करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की सुविधा मिली। पेटीएम पर केवाईसी प्रक्रियाओं में संभावित खामियों और उसके बाद संदिग्ध खातों को फ्रीज करने के लिए जांच की जा रही है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को आदेश दिया था कि अगर वो निर्देशों का पालन नहीं करता है तो 29 फरवरी से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सहित विभिन्न प्लेटफार्मों और डिजिटल माध्यमों के माध्यम से सभी बेसिक भुगतान सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा। आशंका जताई जा रही है कि आरबीआई के औपचारिक अनुरोध के बाद, एफआईयू इस महत्वपूर्ण सट्टेबाजी लेनदेन मामले की जांच शुरू करेगा।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 5,500 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में सट्टेबाजी ऐप महादेव ऑनलाइन बुक की जांच कर रहा है, ईडी ने पाया है कि पेटीएम उन भुगतान गेटवे में से एक था, जिसका इस्तेमाल आरोपी ग्राहकों के साथ लेनदेन करने के लिए करते थे, यूपीआई के माध्यम से जुआ खेलने के लिए पैसे का लेन देन करता था।

ईडी ने पाया कि जुआ खिलाने वाले पैनल ऑपरेटरों ने एक फर्जी यूपीआई भुगतान गेटवे के जरिए किया और उसी पेटीएम और अन्य यूपीआई भुगतान गेटवे के जरिए से जीत को ट्रांसफर भी किया। सट्टेबाजी संचालन में उपयोग किए जाने वाले पेटीएम यूपीआई और अन्य लिंक किए गए लेनदेन गेटवे से जुड़े बैंक खाते बेनामी और फर्जी खाते थे।
इन बैंक खातों को खोलने के लिए केवाईसी वाले गरीब व्यक्तियों का उपयोग किया गया था, ताकि दांव स्वीकार करने और हवाला संचालन दोनों को सुविधाजनक बनाया जा सके, जो कई बैंक खातों से जुड़े हुए थे। यूपीआई पैनल ऑपरेटरों ने धन की हेराफेरी की। जांच में पाया गया कि फर्जी केवाईसी वाले आठ लाख से अधिक ऐसे फर्जी खातों का इस्तेमाल पैनल ऑपरेटरों द्वारा किया गया था। ईडी की जांच में पता चला कि चंद्राकर की हर महीने 450 करोड़ रुपये की मासिक कमाई थी, हर महीने प्रति पैनल की औसत कमाई 30 लाख रुपये थी। आज की तारीख में महादेव बुक, रेड्डी अन्ना और फेयरप्ले के कम से कम 2,000 पैनल कार्यरत हैं।

आरोप पत्र में कहा गया है कि पैनल संचालक आरोपी हनी सिंह ने सट्टेबाजी से संबंधित धनराशि जमा/निकासी के लिए चंद्राकर को अपना पेटीएम खाता प्रदान किया था। जब भी कोई खिलाड़ी जीतता था, तो चंद्राकर एक अन्य आरोपी सुभम सोनी के माध्यम से इस बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर देता था। इसके विपरीत, जब कोई खिलाड़ी हार जाता था, तो हनी सिंह के पेटीएम खाते में जमा राशि सुभम सोनी द्वारा प्रदान किए गए बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाती थी। इस अकाउंट का इस्तेमाल चंद्राकर ने अगस्त 2021 तक किया था.

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Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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