Saturday, February 22, 2025
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छत्तीसगढ़ में महादेव बुक सट्टेबाजी घोटाला बनेगा बड़ा मुद्दा, कांग्रेस की बढ़ेंगी मुश्किलें

छत्तीसगढ़ आगामी चुनाव का ऐलान हो गया है। चुनाव दो चरणों में होंगे। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित तारीखों के अनुसार, पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा और दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होगा। लेकिन इस बार राज्य में स्थानीय मुद्दों के साथ ही महादेव बुक सट्टेबाजी मामला भी बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। जिससे कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी। क्योंकि इस घोटाले ने राज्य के वर्तमान सीएम भूपेश बघेल के करीबी लोगों का भी नाम शामिल है।

हालांकि, राज्य वर्तमान में महादेव बुक अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के हजारों लोग शिकार बने हैं। जांच एजेंसियों द्वारा महादेव बुक की जांच के दौरान कई राजनेताओं के नाम सामने आए हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि महादेव बुक ऐप का मामला राजनीतिक दलों के बीच बड़ा मुद्दा बनेगा। हालांकि बीजेपी इस मामले में कांग्रेस को घेरती आयी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक-दूसरे पर निशाना साधा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अवैध सट्टेबाजी रैकेट के खिलाफ अपनी जांच शुरू की। इस प्रक्रिया के दौरान, उसे कई सरकारी अधिकारी मिले जो अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े थे। सीएम भूपेश बघेल को अपने राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा पर सट्टेबाजी रैकेट में आरोप लगने के बाद विपक्ष के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

इस मामले के बारे में बात करते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि इस मामले में बीजेपी के एक पदाधिकारी का नाम भी सामने आया है।
वहीं बघेल ने यह भी दावा किया कि इन अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों पर अंकुश लगाना केंद्र सरकार का काम है और अभी तक सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया है।

महादेव बुक के खिलाफ जांच में ईडी एक्टिव

ईडी ने एएसआई चंद्रभूषण वर्मा सहित चार लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। विशेष रूप से वर्मा ने महादेव बुक के गुर्गों से रिश्वत ली थी, जिसे सट्टेबाजी जांच के खिलाफ अभियान को धीमा करने के लिए विभिन्न अधिकारियों को पैसा दिया गया था। वर्मा के साथ महादेव बुक के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर के एक रिश्तेदार सतीश को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, अनिल और सुनील दममानी नाम के दो भाइयों और पंटरों पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। ये सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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