प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में दायर अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि महादेव बुक के मास्टरमाइंड ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के जरिए की जा रही अवैध सट्टेबाजी के माध्यम से हर महीने लगभग 450 करोड़ रुपये कमा रहे हैं। इसके अलावा ये लोग विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के जरिए भारतीय शेयर बाजार में पैसा निवेश कर रहे हैं।
ईडी ने प्रमोटरों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को कई बार तलब किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वह कभी भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। ईडी ने इस मामले में सीबीआई को दोनों व्यक्तियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए भी लिखा था। ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक चंद्राकर और उप्पल ने दक्षिण प्रशांत महासागर में एक छोटे से द्वीप देश वानुअतु की नागरिकता भी हासिल कर ली है। भारत और वानूआतू गणराज्य के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण हैं।
जांच से बच रहे है चंद्राकर उप्पल
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को नोटिस दिया जा चुका है और वह जानबूझकर जांच से बच रहे थे। इसके बाद ईडी ने विशेष अदालत (पीएमएलए), रायपुर के समक्ष दोनों के खिलाफ बेमियादी गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए एक आवेदन दायर किया गया था। वहीं ईडी की पीसी में एक और नाम विकास छापरिया का है, जिस पर अपने सहयोगियों गोविंद केडिया और अमित सरावगी के साथ महादेव बुक के लिए सभी हवाला लेनदेन करने का आरोप है।
263 करोड़ रुपये जब्त कर चुकी है ईडी
ईडी ने कहा कि पीएमएलए, 2002 के तहत मेसर्स परफेक्ट प्लान इन्वेस्टमेंट्स एलएलपी, मेसर्स एक्जिम जनरल ट्रेडिंग एफजेडसीओ और मेसर्स टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस एलसी के 236.3 करोड़ रुपये मूल्य के नकद डेरिवेटिव और अन्य प्रतिभूति होल्डिंग्स को पीएमएलए, 2002 की धारा 17 (आईए) के तहत जब्त कर लिया गया है। महादेव बुक 60 से अधिक अन्य अवैध सट्टेबाजी का एक नेटवर्क है। यह अपने एजेंटों के साथ 70-30 लाभ अनुपात पर काम करता है। ये अवैध सट्टेबाजी ऐप महादेव बुक नेटवर्क का उपयोग करते हैं और लाभ का हिस्सा हवाला चैनलों के माध्यम से दुबई मुख्यालय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।