प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के देश के प्रमुख गेमर्स से मुलाकात (meeting prominent gamers) की कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे (Karnataka IT Minister Priyank Kharge) ने आलोचना की है। खड़गे ने एक ट्वीट में कहा कि पिछले साल जीएसटी परिषद में गेमिंग उद्योग (Gaming Industry in GST Council) को खत्म करने के बाद पीएम मोदी गेमर्स के साथ बातचीत कर रहे हैं। प्रियांक खडगे जुलाई और अगस्त 2023 में जीएसटी परिषद की बैठक का जिक्र कर रहे थे, जहां जीएसटी परिषद ने स्किल गेमिंग पर 28% जीएसटी लगा दिया था। जोकि 1 अक्टूबर 2023 से इंप्लीमेंट भी हो गए थे।
पीएम मोदी के इस बयान का जिक्र करते हुए कि (गेमिंग उद्योग में रेगुलेशन की कोई आवश्यकता नहीं है) खड़गे जूनियर ने कहा कि केंद्र सरकार ने उनकी चिंताओं को समझने के लिए भी बहुत कम काम किया है। खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी अब सुझाव मांग रहे हैं जबकि गेमिंग कंपनियां पहले ही कई मौकों पर संबंधित मंत्री और जीएसटी परिषद के समक्ष मनी गेमिंग उद्योग को रेगुलेट करने पर अपनी परेशानियों को बताया है। कर्नाटक के मंत्री ने कहा कि गेमर्स के साथ पीएम मोदी की बातचीत मौजूदा चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक और कार्यक्रम है और वास्तविकता यह है कि बीजेपी सरकार गेमिंग उद्योग के निवेश और नौकरी के अवसरों को खत्म कर रही है।
गौरतलब है कि खड़गे जूनियर केंद्र द्वारा ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को नोटिस भेजकर 28% वस्तु एवं सेवा कर (GST) का भुगतान करने और 1 अक्टूबर 2023 से लागू नई व्यवस्था की भी लंबे समय से आलोचना कर रहे हैं।
दिसंबर 2023 में, उन्होंने कहा कि गेमिंग कंपनियां रेगुलेट होना चाहती हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी मांगों को लेकर ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे न केवल इस क्षेत्र में रोजगार खत्म हो रहा है। जीएसटी पहलू पर, उन्होंने पहले भी कहा था कि सरकार प्रौद्योगिकी को नहीं समझती है।