Tuesday, September 17, 2024
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Gaming में बच्चों की आयु और कटेंट पर रेगुलेशन जरुरी: AIDGF

देश में गेमिंग के कारण बच्चों और युवाओं में एडिक्शन और अन्य समस्याओं को देखते हुए ऑल इंडिया गेम डेवलपर्स फोरम (एआईडीजीएफ) ने गेम्स पब्लिशर्स के लिए आयु और रेटिंग संबंधी गाइडलाइंस लागू करने की बात की है। एआईडीजीएफ ने Indian Governance and Policy Project (IGAP) के साथ मिलकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत में गेमिंग सेक्टर में एक स्टैंडर्ड ऐज और कंटेंट रेटिंग प्रणाली की जरुरत है।

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एक अनुमान के मुताबिक देश में 42 करोड से ज्यादा गेमर्स है, लेकिन भारत में वर्तमान में डिजिटल सामग्री जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म और अन्य देशों या क्षेत्रों में फ्रेमवर्क के विपरीत एक मानकीकृत आयु-रेटिंग ढांचे का अभाव है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय गेमर्स में 18 साल से कम आयु वाले बड़ी संख्या शामिल है। इसलिए, गेमिंग क्षेत्र में रेगुलेशन और जिम्मेदार इंडस्ट्री बच्चों की सुरक्षा और मानसिक कल्याण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

AIGDF के प्रवक्ता रोलैंड लैंडर्स ने कहा, “चूंकि भारत का गेमिंग उद्योग अभूतपूर्व गति से बढ़ रहा है, इसलिए हमारे युवा गेमर्स की सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा स्थापित करना अनिवार्य है।” कानूनी रूप से अनिवार्य न होने के बावजूद, आयु-रेटिंग और सामग्री विवरण, प्रकाशक की गेमिंग सामग्री की जनता के बीच व्यापक पहुँच और प्रसार सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक भूमिका निभाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “उदाहरण के लिए, Google के Play Store पर सूचीबद्ध बिना रेटिंग वाले गेम को माता-पिता के नियंत्रण के उद्देश्य से ‘उच्च-परिपक्वता’ वाले ऐप के रूप में माना जाता है, जब तक कि उन्हें रेटिंग नहीं मिल जाती।”

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Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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