तमिलनाडु में A23 Rummy के 100 करोड़ रुपये डेली इनाम को लेकर पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने आरोप लगाया है कि इससे राज्य में जुआ बढ़ रहा है और तमिनलाडू सरकार को इसपर बैन लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में तेज़ी लाने के प्रयास करने चाहिए। रामदास ने अपने बयान में कहा इस जुए में ज्यादातर लोग हार जाते हैं और इसी वजह से इस कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल 1070 करोड रुपए तक पहुंच गया।
उन्होंने तमिलनाडु सरकार से अपील की इस मामले को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट में जल्दी से जल्दी सुनवाई करें, ताकि मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगवाया जा सके। दरअसल तमिलनाडु सरकार ने ऑनलाइन रमी पर एक एक्ट के जरिए से बैन लगाया था, लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने उस एक्ट पर स्टे लगा दिया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।
रामदास ने कहा कि राज्य में ऑनलाइन जुआ दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, 5 अक्टूबर से 12 जनवरी तक दिवाली, इंग्लिश न्यू ईयर और पोंगल आदि की वजह से अगले 100 दिनों गैंबलिंग कंपनियां राज्य में विज्ञापनों के जरिए से लोगों को जुआ खेलने के लिए लुभा रही है। कई कंपनियां तो 100 करोड रुपए तक जितने का वादा अपने विज्ञापनों में दे रही हैं, इसका क्या असर होगा? यह सोचकर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इससे पहले यह गैंबलिंग कंपनी लाखों रुपए जीतने का विज्ञापन देती थी जो कि अब करोड़ों में बदल गया है।
रामदास ने कहा कि हाल ही में 100 करोड़ डेली प्राइस जो अनाउंस किया है, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की किस तरह का जुआ राज्य में चल रहा है। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी का हेड क्वार्टर हैदराबाद में है और जिस कंपनी ने पिछले साल 1070 करोड रुपए का रेवेन्यू कमाया है। उसकी उम्मीद है कि इस साल वह अपने रेवेन्यू को डबल कर लेगी और उसकी वजह है तमिलनाडु में गेमिंग पर से बैन हटाना। दरअसल A23 रमी फर्स्ट की वजह से राज्य में लेकर आलोचना लगातार बढ़ रही है।