गेमिंग सेक्टर (Gaming sector) की छोटी कंपनियां इन दिनों पेमेंट गेटवे (Payment gateway) की समस्या से परेशान हैं, अभी तक वॉलेट के लिए पेटीएम (paytm wallet) के जरिए अपना कारोबार चलाने वाली कंपनियों के लिए पेटीएम के वालेट के बंद होने के बाद यूजर से पेमेंट लेने और देने के लिए गेटवे के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। इस चक्कर में बहुत सी छोटी कंपनियों ने अपना कारोबार बंद तक कर दिया है। gamingindia.in को एक बड़ी कंपनी के अधिकारी ने बताया कि बड़ी कंपनियों के लिए पेमेंट गेटवे की ज्य़ादा समस्या नहीं है, लेकिन छोटी कंपनियों के साथ बैंक काम नहीं कर रहे हैं।
एक छोटे पेमेंट गेटवे ऑपरेटर के मुताबिक, बड़ी कंपनियां तो सीधे बहुत सारी पेमेंट गेटवे कंपनियों के साथ काम कर रही हैं, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पेमेंट गेटवे कंपनियों पर की गई सख्ती के बाद अब पेमेंट गेटवे कंपनियां गेमिंग कंपनियों के साथ काम नहीं करना चाहती, क्योंकि आरबीआई के कंप्लाइंस इतने ज्य़ादा हैं कि उन्हें पूरा करने में बहुत सारे कामों की परेशानी पैदा हो जाती है। साथ ही गेमिंग कंपनियां भी कहती कुछ हैं और करती कुछ हैं। बहुत बार अचानक से किसी अकाउंट में बहुत सारे पैसे आ जाते हैं। इसका जवाब आरबीआई को देना भारी पड़ा जाता है। ऐसे में कई बार धंधा बंद होने की नौबत तक आ जाती है। इसलिए हमने गेमिंग कंपनियों को पेमेंट गेटवे देना बंद कर दिया है।
दरअसल गेमिंग सेक्टर में पैसे के बडे़ लेन देन और ऑफश्योर कंपनियों के चक्कर में बैंक और पेमेंट गेटवे उपलब्ध कराने वाली कंपनियां सभी गेमिंग कंपनियों को गेटवे उपलब्ध नहीं करा रही हैं। बल्कि उन्होंने चुनिंदा कंपनियों को ही गेटवे दिया हुआ है। कई बार यह कंपनियां ही छोटी कंपनियों को अपना गेटवे देने के बदले मोटा कमीशन भी चार्ज कर रही हैं। ऐसे में 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ साथ इन बड़ी गेमिंग कंपनियों को पेमेंट गेटवे के लिए कमीशन देना भारी पड़ रहा है। इसलिए पिछले दिनों बड़ी संख्या में छोटी कंपनियों ने कारोबार समेट लिया है।