Gaming: भारत बेशक दुनिया के उन प्रमुख देशों में हो जहां पर गेमिंग बहुत ज्यादा खेली जा रही हो, लेकिन जहां तक गेमिंग से रेवेन्यू का सवाल है तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ एक परसेंट ही है, जबकि भारत दुनिया के पांच प्रमुख गेमिंग देश में से एक है। यहां पर करीब 9.5 बिलियन से ज्यादा ऐप डाउनलोड्स होते हैं।
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गेम डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक दुनिया के 15 परसेंट गेमर भारत में मौजूद है, लेकिन जहां तक गेमिंग के जरिए से रेवेन्यू कमाने का सवाल है तो यह सिर्फ एक परसेंट है, क्योंकि भारत में हाई क्वालिटी गेम्स डेवलपमेंट नहीं हो रहे, जिसको दूसरी भाषा में ट्रिपल ए गेम्स कहा जाता है। गेम डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्रीधर मुपिदी के मुताबिक भारत में रेवेन्यू कम आ रहा है, इसीलिए हमने अब अपना पूरा फोकस गेम इंडस्ट्री के टैलेंट के डेवलपमेंट पर लगा दिया है। गेम डेवलपर कांफ्रेंस फिक्की और गेम डेवलपर संगठन ने कुछ समझते भी किए हैं।
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गेम डेवलपमेंट एसोसिएशन के मुताबिक भारत में बहुत बड़ी संख्या में युवा और टैलेंटेड लोग मौजूद है। गेमिंग के जरिए से देश में जॉब्स और वेल्थ क्रिएट की जा सकती है। बशर्ते सरकार गेमिंग टैलेंट को विकसित करने में मदद दे। इस कांफ्रेंस में आए राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों को भी हमने यही बात कही है। संगठन के अध्यक्ष के मुताबिक गेम डेवलपर बॉडी ने देश के प्रमुख तकनीकी संस्थान आईआईटी एनआईटी को भी इसमें शामिल किया है। उन्होंने कहा कि भारत में जितने भी गेमिंग यूनिकॉर्न बने हैं, उसमें अधिकांश आईआईटी के पास आउट स्टूडेंट ने ही यह यूनिकॉर्न खड़े हैं। संगठन ने सरकार से अपील की है कि वह अंतरराष्ट्रीय गेम डेवलपर को यहां पर बेस बनाने के लिए टैक्स में रियायत दे। साथ ही साथ उन्होंने गेमिंग इंडस्ट्री के ओवर रेगुलेशन को भी कम करने के लिए अपील की है।