मनी लाउंड्रिंग (money laundering) के चलते अपना बैंक लाइसेंस (bank license) गंवाने के कगार पर खड़े पेटीएम पर वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (Financial Intelligence Unit of the Ministry of Finance) ने 5.49 करोड़ रुपये का फाइन लगाया है। माना जा रहा है कि विजय शेखर शर्मा के पेटीएम चेयरमैन पद छोड़ने के बाद इस कंपनी पर परेशानियां कम हो सकती है। कंपनी पर लगे जुर्माने के साथ साथ कंपनी ने बोर्ड में भी बदलाव किया है और रेगुलेटरी मुद्दों पर एक कमेटी बनाई है। कहा जा रहा है कि इसके बाद कंपनी को फिलहाल परेशानियां से मुक्ति मिल गई है।
इससे पहले रिजर्व बैंक के हवाले से कहा गया था पेटीएम बैंक में बड़ी संख्या में बिना केवाईसी के खातें हैं। इसके बाद इन खातों से लेने देने की जांच वित्त मंत्रालय की विभिन्न एजेंसी कर रही थी। इस मामले में बाद में पेटीएम सीईओ विजय शेखर शर्मा ने इस्तीफा दे दिया था और सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अध्यक्षता में एक एडवाइजरी कमेटी का गठन भी किया है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एफआईयू-आईएनडी ने खुफिया जानकारी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच शुरु की थी। इस जांच में पाया गया कि विभिन्न अवैध गतिविधियों, विशेष रूप से ऑनलाइन जुए खिलाने वाली कंपनियां पेटीएम के साथ काम कर रही हैं। इस काली कमाई को गैरकानूनी तरीके से इन कंपनियों ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बैंक खातों के जरिए से भेजी गई थी।
जुर्माने पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी के जिस बिजनेस डिवीजन के बारे में यह है वो दो साल पहले बंद कर दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि तब से, बैंक ने रेगुलेटरी आवश्यकताओं के मुताबिक अपनी निगरानी प्रणाली और रिपोर्टिंग तंत्र को काफी मजबूत किया है।