बिग टेक कंपनी Google ने भारतीय गेमिंग बाज़ार में एक बार फिर एंटी कंपेटिटिव कदम उठाया है। कंपनी ने चुनिंदा बड़ी गेमिंग कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले पायलट प्रोजेक्ट में कोई फेरबदल नहीं किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत गूगल कुछ सिलेक्टिव एप्स को Google प्लेस्टोर पर डाला गया था। गूगल ने सितंबर 2022 में यह पायलट प्रोग्राम लॉन्च किया था। जिसमें Dream11 और Games 24*7 को शामिल किया गया था। डेली फेंटेसी स्पोर्ट्स और रम्मी के नाम पर यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। गूगल ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करते वक्त कहा था कि 30 जून 2024 के बाद इस प्रोजेक्ट में बाकी गेम्स को भी शामिल किया जा सकता है। लेकिन कंपनी ने अब इस पायलट प्रोजेक्ट को इसी स्वरुप में आगे बढ़ा दिया है, जिसकी वजह से बाकी गेमिंग कंपनियों को नुकसान होता है।
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दरअसल Google playstore पर आने की वजह से Dream11 और गेम्स 24/7 के एप्स को डायरेक्ट डाउनलोड किया जा सकता है, लेकिन बाकी कंपनियों के आपको गूगल पर इन कंपनियों की साइट खोलकर फिर डाउनलोड किया जाता है। जिसकी वजह से टेक्नोलॉजी का फायदा Dream11 और Games24 * 7 को मिल रहा है।
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इस बारे में गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि हमें इसको इस पायलट प्रोजेक्ट को और डेवलप करने के लिए कुछ और पार्टनर्स की जरूरत है। हम इस तरफ काम कर रहे हैं। अगले कुछ महीनो में इस मामले में कुछ और अपडेट्स होगी। दूसरी ओर गेमिंग इंडस्ट्री की बॉडी ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने कहा है कि गूगल प्ले स्टोर लगभग 90% डिस्ट्रीब्यूशन मार्केट को कंट्रोल करता है। एआईजीएफ के सीईओ रोलैंडर्स ने कहा है कि हम गूगल के इस फैसले से काफी निराशा है, यह एंटी कॉम्पिटेटिव फैसला है, जोकि भारतीय कानून को भी सम्मान नहीं देता। इसके साथ ही साथ यूजर्स के पास भी बहुत ही लिमिटेड चॉइस उपलब्ध होती है, इससे पहले कंपटीशन कमिशन आफ इंडिया ने गूगल को एप पेमेंट्स की कमिश्नर को घटाने के लिए कहा था। गूगल ने पहले गेमिंग एप्स पर 15 से 30% है पेमेंट कमीशन लगाया था जिसको बाद में घटाकर 11 से 26 परसेंट कर दिया गया था। इससे पहले कई बड़े भारतीय ऑनलाइन एप्स को भी अपने प्लेस्टोर से हटा दिया था।