जीएसटी काउंसिल बैठक में ऑनलाइन गेम्स पर लगाए गए 28 फीसदी टैक्स के फैसले को लेकर उद्योग काफी नाराज है। उद्योग जगत काउंसिल और वित्त मंत्रालय से 28 फीसदी के जीएसटी के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध कर रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय इस पर पुनर्विचार करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि देश के विभिन्न उद्योगों के संगठन भी गेम्स पर 28 फीसदी के टैक्स के खिलाफ अपना विरोध जता चुके हैं।
चार दिन पहले ही कॉनफिडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (CAIT) ने इस मामले में अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्टी लिखकर अपना विरोध जताया है। एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना था कि जीएसटी काउंसिल के इस फैसले के बाद देश में बेरोजगारी बढ़ेगी और जो निवेश आ रहा था वह कम होगा। लिहाजा इसके लिए केन्द्र सरकार को फिर से विचार करना चाहिए। वहीं इसके साथ ही कई अन्य उद्योग संगठन भी इस पर पुनर्विचार की मांग कर चुके हैं।
दरअसल 11 जुलाई, 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के बाद ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसीनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। जीएसटी परिषद ने पूर्ण मूल्य पर जीएसटी लगाने का फैसला किया था। जीएसटी कानून में संशोधन के बाद यह नियम लागू हो जाएगा।
इस फैसले के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि यह फैसला राज्यों से बातचीत के बाद लिया गया है और इससे उद्योग जगत को कोई नुकसान नहीं होगा. वहीं 1.5 डॉलर वाली ये गेमिंग इंडस्ट्री सरकार के इस फैसले को गलत बता रही है। उनका मानना है कि 28 फीसदी का बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा। लेकिन कंपनियों को इसका खामियाजा गेमिंग वॉल्यूम में गिरावट के तौर पर उठाना पड़ेगा। 28% जीएसटी के कारण ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में नौकरियां जाने का खतरा देखने को मिल सकता है. साथ ही भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी कंपनियों से मुकाबला करना भी मुश्किल हो जाएगा। अधिक टैक्स के कारण लोग ऑनलाइन गेम खेलने से परहेज करेंगे।
गेमिंग प्लेटफॉर्म के राजस्व में हुई है वृद्धि
ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का सरकार का फैसला ऐसे समय में आया है जब फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म के राजस्व में तेज उछाल देखा जा रहा है। खासकर इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान गेमिंग कंपनियों के रेवेन्यू में जबरदस्त इजाफा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गेमिंग इंडस्ट्री का रेवेन्यू एक साल पहले की तुलना में 24 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2817 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर 10 बिलियन डॉलर का है, जिसके 2025 तक बढ़कर 25 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। लेकिन टैक्स के कारण ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को पहले ही झटका लग चुका है।