Wednesday, September 18, 2024
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Real Money Gaming पर रेट्रोस्पेक्टिव जीएसटी को हटाने की तैयारी?

रियल मनी गेमिंग के लिए एक अच्छी खबर है, सरकार रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। फिलहाल मामला केंद्र सरकार की लीगल टीम के पास है, वहां से अगर रेट्रोस्पेक्टिव हटाने के लिए मंजूरी मिल जाती है तो जल्दी रियल मनी गेमिंग कंपनी पर रेट्रोस्पेक्टिव  जीएसटी का मुद्दा खत्म हो जाएगा। फिलहाल रियल मनी गेमिंग कंपनी को जीएसटी विभाग की तरफ से एक लाख करोड रुपए से ज्यादा के जीएसटी चोरी के नोटिस मिले हुए हैं। कुछ कंपनियों ने इन नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर स्टे लिया हुआ है। गेम्सक्राफ्ट और जीएसटी विभाग के बीच में एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है, जिसपर जुलाई में सुनवाई होगी। दूसरी ओर 22 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक भी होने जा रही है। जिसमें फिटमेंट कमेटी में हुए मुद्दों पर विचार किया जाएगा।

वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने बताया की रेट्रोस्पेक्टिव जीएसटी को लेकर फिटमेंट कमेटी में इस पर विचार करने की बात कही गई है। हालांकि यह भी कहा है यह एक लंबी प्रक्रिया है, इस पर फिलहाल जीएसटी विभाग ने लीगल ओपिनियन मांगा हुआ है। लीगल ओपिनियन के बाद ही  रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के ऊपर कोई फैसला होगा।

दूसरी ओर 28% जीएसटी को कम करने को लेकर भी फिटमेंट कमेटी में चर्चा हुई है, हालांकि रियल मनी गेमिंग कंपनियों की तरफ से इस टैक्स को काम करने के लिए कोई आधिकारिक मांग नहीं की गई है। ऐसे में फिटमेंट कमिटी ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया है। दूसरी ओर कसीनो इंडस्ट्री ने इस टैक्स को कम करने के लिए मांग की है। दरअसल सरकार ने गेमिंग इंडस्ट्री पर 28% जीएसटी लगा दिया था और उसके बाद कहा था कि 6 महीने के बाद इस पर समीक्षा की जाएगी 1 अक्टूबर से  गेमिंग इंडस्ट्री और कसीनो पर 28% जीएसटी लगाया गया था। 

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deepakupadhyaya
deepakupadhyayahttp://gamingindia.in
Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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