देश की प्रमुख ई-गेमिंग संस्था ई-गेमिंग फेडरेशन ने भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ फैसले का स्वागत किया है। फेडरेशन के मुताबिक ग्राहकों की सुरक्षा के लिए यह फैसला बहुत ही बड़ा है, हालांकि यह देखना होगा कि गेमिंग सेक्टर पर इसका असर किस तरह से पड़ेगा, ख़ासकर ऑफश्योर गैंबलिंग साइट्स के भ्रामक विज्ञापनों पर इसका कोई असर आता है या नहीं। इससे पहले देश में ऑफश्योर गैंबलिंग खिलाने वाली अवैध साइट्स और एप बड़े स्तर पर विज्ञापन करके लोगों को जुआ खिलवा रहे हैं।
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पंतजलि और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों पर सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर ई-गेमिंग फेडरेशन ने कहा कि सरकार के लगातार अवैध गैंबलिंग साइट्स के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के बाद भी यह साइट्स भारत में चल रहे हैं। इन अवैध साइट्स और एप के विज्ञापन बहुत ही प्रमुख स्थानों और सोशल मीडिया साइट्स पर देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही देश के प्रमुख इंफ्लूएंसर्स भी इनका प्रचार करते हुए देखे जा सकते हैं। इसकी वजह से देश में कानूनी तौर पर चल रहे गेमिंग इंडस्ट्री और ग्राहकों के लिए चिंता की बात है।
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ख़ास बात यह है कि देश में बड़ी संख्या में अवैध गैंबलिंग और बैटिंग साइट्स चल रही हैं, जोकि भारत में ना तो रजिस्टर्ड हैं और ना ही यहां टैक्स देती हैं। केंद्र सरकार ने भारत में वैध तरीके से काम कर रही गेमिंग कंपनियों पर तो जीएसटी 28 प्रतिशत कर दिया, लेकिन यह अवैध गैंबलिंग कंपनियों पर बिना रोकटोक के यहां काम कर रही हैं। जिनपर जुआ खेलने पर यह भी नहीं पता चला पता कि पैसे वापस मिलेंगे या नहीं। ऐसे में इसको रोकने के लिए विभिन्न संगठन लगातार आवाज उठा रहे हैं।