Illgal gambling apps: वित्त मंत्रालय के गैंबलिंग साइट्स के रजिस्ट्रेशन को लेकर बड़े दावों के बावजूद अभी भी देश में गैंबलिंग साइट्स धडल्ले से लोगों को ऑनलाइन जुआ खिलवा रही हैं और टैक्स भी नहीं भर रही हैं, जबकि दूसरी ओर घरेलू स्किल गेमिंग कंपनियों पर सख्त टैक्स लाद दिया गया है। गेमिंग के क्षेत्र के प्रमुख वकील जय सत्या ने कहा है कि जीएसटी को लेकर नए कानून को लागू हुए तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन एक भी अवैध गैंबलिंग साइट को सरकार की ओर से ब्लॉक नहीं किया गया है।
दरअसल जीएसटी परिषद की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार ने एक जीएसटी कानून में एक नया संशोधन 14ए किया था। इसके मुताबिक विदेशी गैंबलिंग और बैटिंग साइट्स को भारत में पंजीकरण करना होगा और उसके बाद यहां टैक्स देकर ये कंपनियां अपना काम कर सकती हैं। यह संशोधन एक अक्टूबर से लागू हो गया था और इन विदेशी साइट्स को इसके बाद से अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था। लेकिन अभी तक एक भी विदेशी गैंबलिंग साइट ने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। यानि सरकार के पास विदेशी गैंबलिंग साइट्स से एक भी रुपया टैक्स के तौर पर नहीं आ रहा है। जबकि देशी गेमिंग कंपनियां जीएसटी से काफी परेशान हैं।
भारतीय ऑनलाइन गेमिंग बाज़ार की बढ़ोतरी के बाद पिछले साल में बहुत सारे अवैध ऑफश्योर गैंबलिंग प्लेटफ़ॉर्म भारतीय बाज़ार में आ गए हैं। लोगों के वैध और अवैध ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म के बारे में जानकारी नहीं होने और सरकार के इसपर कार्रवाई नहीं करने की वजह से आम लोग अपना पैसा अवैध विदेशी साइट्स पर गंवा रहे हैं। अब तक, हजारों अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म सरोगेट ब्रांडों के माध्यम से खुद को भारत में मार्केट कर रहे हैं। इनमें से कई प्लेटफ़ॉर्म अलग-अलग नामों से एक ही कंपनी चलाती है। यह ज्य़ादा पैसे जीतने का वादा करके भोले-भाले लोगों को फंसा रही हैं। इन लोगों से ठगे गए पैसे का इस्तेमाल प्रचार के लिए मशहूर हस्तियों को नियुक्त करने और फर्जी बैंक खातों, क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन और हवाला चैनलों के माध्यम से देश से बाहर ले जाने के लिए किया जाता है।
लेकिन केंद्र सरकार के अक्टूबर में इन डोमेन को बैन करने की चेतावनी के बावजूद अभी भी ना तो इन कंपनियों ने खुद को भारत में रजिस्टर कराया है और ना ही केंद्र सरकार ने किसी एक डोमेन के खिलाफ कार्रवाई ही की है।