Saturday, February 22, 2025
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एक ओर सउदी अरब बनने जा रहा है गेमिंग हब, तो भारत में टैक्स दबाव की वजह से बाहर जा रही हैं गेमिंग कंपनियों

जहां एक ओर भारत में जीएसटी और टैक्स के जरिए गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री (GST on gaming companies) का गला घोंटा जा रहा है, वहीं दुनिया के एक प्रमुख क्षेत्र गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स (Gaming-Esports) के जरिए अपने यहां का नक्शा बदलना चाहता है। भारत में गेमिंग पर 28 परसेंट जीएसटी (28% GST on gaming companies) के साथ साथ टैक्स विभाग कंपनियों के खिलाफ लगातार टैक्स नोटिस भेज रही है। लेकिन सऊदी अरब गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स के जरिए अगले 6 सालों में दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग हब बनाने जा रहे हैं। इसके लिए वो सउदी अरब की राजधानी रियाद में हर साल वर्ल्ड कप भी करेंगे। इसकी घोषणा खुद सऊदी अरब के होने वाले बादशाह मोहम्मद बिन सलमान (the Crown Prince of Saudi Arabia, Mohammed bin Salman) ने की है।

सउदी अरब कैसे बनेगा ई-स्पोर्ट्स हब

न्यू ग्लोबल स्पोर्ट्स कॉन्फ्रेंस के दौरान क्राउन प्रिंस ने रियाद को दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग हब बनाने की बात भी कही। इससे पहले उन्होंने 500 मिलियन डॉलर से रियाद में ई-स्पोर्ट्स सिटी बनाने की घोषणा भी की थी। सउदी अरब गेमिंग सेक्टर का सबसे बड़ा निवेशक बन रहा है। दरअसल अगले कुछ सालों में कच्चे तेल के उत्पादन में कमी के साथ साथ कच्चे तेल के कई अन्य विकल्प भी सामने आने लगेंगे, ऐसे में खाड़ी देशों को अपनी इकॉनामी चलाने के लिए नए-नए विकल्प तलाशने होंगे, ऐसे में स्पोर्ट्स को खाड़ी देश काफी बढ़ावा दे रहे हैं। हाल ही में कतर ने फुटबॉल वर्ल्ड कप का आयोजन किया था और अब सउदी ई-स्पोर्ट्स में बड़ा निवेश कर रहा है।

इस कार्यक्रम में कहा गया कि अभी ई-स्पोर्ट्स में वर्ल्ड कप सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय ग्लोबल इवेंट रियाद में होगा। इसके जरिए से सऊदी अरब समेत गल्फ कंट्रीज को इंटरनेशनल गेमिंग हब बनने में भी मदद मिलेगी। सऊदी अरब गेमिंग के जरिए स्थानीय टैलेंट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी अपने यहां बुलाना चाहता था। इस ई-गेमिंग वर्ल्ड कप के जरिए सऊदी अरब 2030 तक उसके जीडीपी में 13 बिलियन डॉलर से ज्य़ादा की बढ़ोतरी करना चाहता है। साथ-साथ लगभग 40000 नौकरियां भी क्राउन प्रिंस इस गेमिंग सेक्टर से सउदी अरब में देखते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप सऊदी अरब की यात्रा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह इसको गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स को एक हब तौर पर डेवलप करना चाहते हैं और ऐसा एक्सपीरियंस देना चाहते हैं जोकि किसी ने नहीं देखा हो। उन्होंने कहा कि 2030 तक वह अपनी इकोनामी टूरिज्म सेक्टर की तरफ लेकर जाना चाहते हैं।

भारत ने गेमिंग का गला घोंटा

भारत में टैक्स अथॉरिटी गेमिंग कंपनियों पर लगातार दबाव बना रही हैं। पिछले कुछ समय में गेमिंग सेक्टर की कंपनियों पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्य़ादा के टैक्स नोटिस भेजे गए हैं। साथ ही इस सेक्टर पर 28 परसेंट जीएसटी भी लगा दिया गया है। ऐसे में कई गेमिंग कंपनियों ने या तो ऑपरेशन बंद कर लिए हैं या फिर उनमें कटौती कर ली है। बहुत सारी कंपनियां तो अपना बेस भारत से बाहर करने में भी लग गई हैं।

About Author

deepakupadhyaya
deepakupadhyayahttp://gamingindia.in
Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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