रियल मनी गेमिंग पर 28% जीएसटी लगने के बाद सरकार के रेवेन्यू में गेमिंग से सरकार के रेवेन्यू में कई गुना बढ़ोतरी हो गई है। रेवेन्यू सचिव संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक जहां गेमिंग इंडस्ट्री से पहले करीब ढाई सौ करोड़ रूपया महीने के जीएसटी के तौर पर आ रहे थे, वही टैक्स बढ़ाने के बाद यह औसतन 1100 करोड़ रूपये महीने तक पहुंच गए हैं, यानी साल में लगभग 12 000 करोड़ के आसपास का जीएसटी रियल मनी गेमिंग कंपनियां जमा कर रही है। जबकि इससे पहले यह 3000 करोड़ के आसपास ही हो रहा था। ऐसे में इन गेमिंग कंपनियों पर 28% जीएसटी ऑन डिपॉजिट हटाने या कम करने की संभावना काफी कम हो गई है।
सेंट्रल बोर्ड का इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक 28% टैक्स प्रोस्पेक्टिव नेचर का टैक्स है, जो की रियल मनी गेमिंग पर लगाया गया है ,जबकि जो पुरानी जीएसटी को लेकर मामले चल रहे हैं वह सुप्रीम कोर्ट उन पर फैसला लिया जाना है।
जीएसटी काउंसिल ने रियल मनी गेमिंग कंपनी पर 28% टैक्स की सिफारिश की थी, जो की 1 अक्टूबर से लागू हो गई थी और उसके बाद गेमिंग कंपनियों को 28% जीएसटी ओं डिपॉजिट देना पड़ रहा है। इसकी वजह से कई सारी कंपनियां बंद भी हुई, लेकिन सरकार के खाते में रियल मनी गेमिंग पर बनाए गए टैक्स की कारण काफी मोटी रकम आ रही है।