Saturday, February 22, 2025
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गेमिंग एप पर हो सकती है और सख्ती, सरकार मनी लाउड्रिंग और आतंकवाद संबंधी नियम लागू करेगी?

भारत की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को भी एंटी मनी लाउंड्रिंग या आतंकवाद के खिलाफ (एएमएल/सीएफटी) ढांचे के दायरे में शामिल करने के लिए प्रस्ताव दिया है। सरकार ने इस मामले पर पहले ही इंटरनल चर्चा शुरू कर दी है और विभिन्न विकल्पों की जांच कर रही है, जिसके लिए गेमिंग कंपनियों को सख्त नो योर कस्टमर स्टैंडर्ड और एजेंसियों को संदिग्ध लेनदेन की सख्त रिपोर्टिंग करने की जरुरत होगी।

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मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि भारत सरकार एक बार फिर पेरिस में होने वाली अंतरराष्ट्रीय मनी लाउंड्रिंग बॉडी की अगली बैठक में अपना मामला रखेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “भारत फिर से अपना पक्ष इस बैठक में रखेगा, कि कैसे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग किया जा रहा है और इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के दायरे में क्यों होना चाहिए।”

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दरअसल महादेव ऐप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए बड़ी भारी मात्रा में मनी लाउंड्रिंग हुई थी। ऐसी चिंताओं का हवाला देते हुए, भारत सरकार नीतिगत ढांचे पर काम कर रही है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के खतरे से बचाना है। एक बार जब अंतरराष्ट्रीय बॉडी इस एरिया को एएमएल/सीएफटी ढांचे के भीतर स्वीकार कर लेता है, तो इसे सख्त नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानदंडों और संदिग्ध लेनदेन पर रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही एप के हिस्सेदार और उसका फायदा लेने वाले मालिकों का विवरण देना होगा। पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव ऑनलाइन बुक प्लेटफॉर्म के जरिए से विभिन्न खेलों पर अवैध सट्टेबाजी की सुविधा देने वाले एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। यह प्लेटफॉर्म कई तरह के कार्ड गेम और ऑनलाइन क्रिकेट पर सट्टेबाज़ी कराता था। , लेकिन ईडी का कहना है कि यह क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मैच फिक्सिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल था।

एक अधिकारी के मुताबिक”हम गेमिंग सेक्टर को लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह भारत की सीमाओं के भीतर ही नहीं है, बहुत सारे गेमिंग एप भारत में विदेशों से चलाए जाते हैं और जो भारतीय यूजर को गैंबलिंग खिलाते हैं। सरकार ने पहले ही विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन एक भी गैंबलिंग एप ने अभी तक अपने को रजिस्टर्ड नहीं कराया है। सरकार मार्च, 2023 में वर्चुअल डिजिटल एसेट से संबंधित कुछ विशेष गतिविधियों को मनी लाउंड्रिंग एक्ट, 2002 के दायरे में लाई थी। हालांकि शुरुआती आशंकाएं थीं कि ऑनलाइन गेमिंग को पीएमएलए के तहत रिपोर्ट करने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि कुछ गेमिंग कंपनियां क्रिप्टो के जरिए काम कर रही हैं।

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deepakupadhyaya
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Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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