प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान कई बड़े समझौते हुए हैं। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच बैठक हुई और एक के बाद एक कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट, रेलवे, टेक्नोलॉजी, ड्रोन, जेट इंजन और स्पेस सेक्टर में समझौते हुए हैं। वहीं माना जा रहा है कि भारत में तेजी से बढ़ते गेमिंग सेक्टर में भी निवेश बढ़ेगा। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के एडवाइजर ध्रुव गर्ग का दावा है कि भारत में इस डील के बाद गेमिंग सेक्टर में तेजी से विकास होगा।
असल में पीएम नरेन्द्र मोदी की इस यात्रा को लेकर उद्योग जगत पहले से ही आशावान था और उसे उम्मीद थी कि अमेरिका भारत में नए निवेश को तरजीह देगा। भारत में अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रोन (यूएस चिप कंपनी माइक्रोन) गुजरात में अपना प्लांट लगाएगी। इसके तहत कंपनी 2.7 अरब डॉलर का निवेश करेगी। वहीं भारतीय रेलवे ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
गेमिंग सेक्टर में आएगा नया निवेश
इसके अलावा माना जा रहा है कि भारत में तेजी से बढ़ रहे गेमिंग सेक्टर में अमेरिकी कंपनियां निवेश करेंगी। ये दावा गेमिंग इंडिया फेडरेशन के सलाहकार ध्रुव गर्ग का है। उनका कहना है कि भारत में गेमिंग सेक्टर तेजी से ग्रो कर रहा है और आने वाले दिनों ये सेक्टर रोजगार देने के साथ ही राजस्व भी देगा। उन्होंने कहा कि भारत में आने वाले समय में विदेशी कंपनियां भी इस सेक्टर में निवेश करने जा रही है और पीएम मोदी के इस दौरे के बाद इस सेक्टर में नया आगाज होगा। उनका कहना है कि अमेजॉन और गूगल इस सेक्टर में प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर निवेश कर रही हैं।
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौते के मुताबिक जीई एयरोस्पेस कंपनी का इंजन निर्माण संयंत्र भारत में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद फाइटर जेट्स के इंजन भी भारत में बनने लगेंगे। वहीं एक और बड़े समझौते की बात करें तो भारत और अमेरिका अमेरिका-भारत डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (इंडस-एक्स) शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। इस नेटवर्क में दोनों देशों के विश्वविद्यालय, स्टार्टअप, उद्योग और थिंक टैंक शामिल होंगे। इसके अलावा अमेरिका भारत में बेंगलुरु और अहमदाबाद में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने जा रहा है। इसके अलावा भारतीयों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सिएटल में एक मिशन स्थापित किया जाएगा।