ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग (Online Real Money Gaming) के लिए नई सरकार में चुनौतियां कम होने की बजाए बढ़ती हुई दिख रही हैं। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की सीटें बहुमत से कम रही हैं, ऐसे में एनडीए (NDA) के सहयोगियों के सहारे नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) तीसरी बार तो शपथ लेने वाले हैं, ऐसे में रियल मनी गेमिंग सेक्टर में टैक्स और अन्य रिफार्म होना मुश्किल है।
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दरअसल आंध्र प्रदेश से आने वाली तेलगु देशम पार्टी ने 16 सीटें जीती हैं, जोकि एनडीए में आईटी मंत्रालय की मांग कर रही है, यही वो मंत्रालय है जोकि गेमिंग सेक्टर नोडल मंत्रालय बनाया गया था, आंध्र प्रदेश में रियल गेमिंग सेक्टर को लेकर राजनैतिक दलों में काफी नकारात्मकता है, ऐसे में केंद्र में आईटी मंत्रालय मिलने टीडीपी रियल मनी गेमिंग के लिए कुछ भला करेगी, इसकी संभावना नहीं के बराबर है।
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देश की एक बड़ी रियल मनी गेमिंग कंपनी के पॉलिसी प्रमुख के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में रियल मनी गेमिंग पर पूरी तरह से बैन है, बेशक यह रोक जगन मोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री रहते हुए 2020 में लगाई गई थी। लेकिन वहां समाजिक तौर पर रियल मनी गेमिंग के खिलाफ काफी माहौल है, इसलिए टीडीपी भी रियल मनी गेमिंग को साथ लेकर चलेगी, ऐसा लगता नहीं है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार गेमिंग सेक्टर को भारत का भविष्य बता चुके हैं और इसको लेकर सकारात्मक पॉलिसी की बात भी करते रहे हैं। लेकिन रियल मनी गेमिंग को लेकर सरकार ने सख्ती ही है।
इससे पहले वित्त मंत्रालय ने रियल मनी गेमिंग कंपनियों के डिपॉजिट पर 28 परसेंट जीएसटी लगा दिया था। इसकी वजह से छोटी रियल मनी गेमिंग कंपनियों पर काफी बुरा असर पड़ा था, कई कंपनियां बंद हो गई थी। हालांकि बड़ी गेमिंग कंपनियां फिलहाल इस नुकसान को झेल रही हैं, लेकिन आने वाले समय में यह कंपनियां इस टैक्स को खिलाड़ियों पर ही डाल देगी। देश में रियल मनी गेमिंग सेक्टर 20 हज़ार करोड़ रुपये से ज्य़ादा का है। आने वाले समय में इसके तेज़ी से आगे बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।